शनिवार, 26 नवंबर 2011

तुम आओगे i!?


1.

जब 
तुम आओगे
संग लाओगे
नई सुबह 
नया उजाला 

फिर से 
हरी होगी 
दूब
मेरे आंगन की 
पिघलेगा 
सदियों का पाला

पंछी
फिर से आएंगे
संग 
वो अपने लायेंगे 
वसंत 
अंधेरों ने जो था 
टाला

आजाद 
गगन में 
उड़ जाऊँगा 
जब नहीं रहेगी 
कोई बंदिश 
कोई ताला

जब 
तुम आओगे
संग लाओगे
नई सुबह 
नया उजाला 


2.

जब
सुबह होगी
उजाला अंधेरों से 
आजाद होगा 
कोई बंदिश 
कोई ताला
नहीं रहेगा  
पिघलेगा 
पाला सदियों का
आएंगे फिर से 
पंछी जो
लायेंगे 
अपने संग
नया 
वसंत 
मेरे आंगन

तुम आओगे ?

3

कोई बंदिश 
कोई ताला
अँधेरा 
नहीं रहेगा 
मेरे आंगन 

पिघलेगा पाला
नया उजाला 
नया वसंत 
फिर से आएगा 
आजाद गगन में 
उड़ते पंछी 
संग लायेगा 

तुम आओगे !

1 टिप्पणी:

meeta ने कहा…

You have a way with words Skand. Feels like they are dancing at your fingertips. Lovely !!

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...