चेहरा रंगत , चेहरा रूप .
चेहरे में बरसों की छाया ,
भीड़ में भी चेहरा एकाकी ,
चेहरा नीड़ खोजता पाखी .
चेहरा चेहरा ढूँढा जिस को ,
चेहरा चेहरा पाया उस को .
चेहरा तेरा , चेहरा मेरा .
चेहरे के ऊपर भी चेहरा .
चेहरे जो चुप भी रहते हैं ....
गौर से सुनना कुछ कहते हैं .
- तोषिता .
1 टिप्पणी:
चहरे के अनेक रूप दिखा दिए ..सुन्दर रचना
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