पृथ्वी-
घोर अंधकार में घूमती हुई पृथ्वी
देख रही है
भय और विस्मय-भरी नज़रों से
अपनी धुरी को
उसे अब पता चला है
वह नाच रही है
एक मिसाइल की नोक पर।
- नोमान शौक़ .
घोर अंधकार में घूमती हुई पृथ्वी
देख रही है
भय और विस्मय-भरी नज़रों से
अपनी धुरी को
उसे अब पता चला है
वह नाच रही है
एक मिसाइल की नोक पर।
- नोमान शौक़ .
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