चलो,
चुटकी भर उत्साह मिलाओ
मेरे कंधे पर चढ़ जाओ
चलो
24 / 10 / 11
साथ चलो
हम कुछ कर दिखाते है .
बादलों को बाँध हौसलों के मंझे से
सूरज से पेच लड़ाते हैं .
तुम हाथ तो दो
मिलकर हम
एक सीढ़ी नयी बनाते हैं ,
थोडा सी कोशिश करतें हैं
और चाँद जमीन पर लाते हैं .
तुम
चुटकी भर उत्साह मिलाओ
मैं मुठ्ठी भर उल्हास ,
सजे ये दुनियां खुशियों से
करें ऐसी रंगोली आज .
तुम
मेरे कंधे पर चढ़ जाओ
हम कुछ बटोर ले तारें ,
एक रख कर हर कोने में
चलो अब दूर करें अंधियारे .
तुम
लाओ सपनो का ताना ,
मैं उम्मीद का बाना ,
गुंथे दोनों को जो हम
फिर गूंजे नया तराना .
कोई धुन ऐसी
संगीत कोई हो ऐसा
खुशियाँ जो बस बिखराए
न हींग लगे न पैसा
चलो
राम - लक्ष्मी की बातों से
हम थोडा ऊपर आते है .
जोड़े जो हर एक मानव को
ऐसे दीपावली मनाते हैं .
- स्कन्द .
- स्कन्द .
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