क्या कभी
किसी राम ने
किसी राम ने
किसी रावण को मारा था ?
रावण तो आज भी जिन्दा है
और उसके दस सर कट कर
हर तरफ बिखर गए हैं .
कभी वो
आतंकवाद बन कर उभरता है ,
कभी वो भ्रटाचार बन कर ,
और उसका दमन जारी है .
और राम
वो है कहाँ !!
अब कौन सा वनवास काट रहे हैं
की सिर्फ उनकी खडाऊं ही नजर आती है .
भरत की पूछो तो
वो राम को ढूँढने निकले हैं
और प्रजा प्रताड़ित हो रही है .
सीता
उसकी तो अग्नि परीक्षा
अब जन्म लेने से पहले ही हो जाती है ,
और उसको जन्म लेते ही
धरती में समाना पड़ रहा है .
जनता का पसीना
स्वित्ज़रलैंड की लंका मैं कैद है ,
और राम का नाम ले कर
विभीषण उस पर राज कर रहे है .
और महंत
भोली भली जनता को
कलयुग की घुट्टी पिला रहे है .
फिर कैसा दशहरा
फिर कैसी दिवाली
अमावास का अँधेरा
दियों से दूर नहीं होता .
- स्कन्द .
24 / 10 / 11 .
- स्कन्द .
24 / 10 / 11 .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें