
अब की बार चलो, आर - या - पार
अब चाहे जीत हो, अब चाहे हार
चाहे तैरनी पड़े उलटी, वक्त की धार
अगर साथ तुम दो मेरा, हूँ मैं भी तैयार
अब की बार चलो, आर - या - पार
तुम भर लो अपनी आँखों में, सपने कई हज़ार
उड़ने को तो चाहिए हमे पंख बस चार
फिर हमको क्या रोकेंगे तीर हो या तलवार
उलट के रख देंगे हम तुम कोई भी हो अब वार
एक हाथ बंधा एक कॉल उठा चल मेरे दिलदार
अब तोड़ के रख देंगे हम जो बाँटें कोई दीवार
अगर साथ तुम दो मेरा, हूँ मैं भी तैयार
चल पड़ेंगे संग दोनों , मीलों कई हजार .
अब की बार चलो, आर - या - पार
अब चाहे जीत हो, अब चाहे हार
चाहे तैरनी पड़े उलटी, वक्त की धार
अगर साथ तुम दो मेरा, हूँ मैं भी तैयार
अब की बार चलो, आर - या - पार .
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