आओ और देखो ,
अभी मेरे पास
उम्मीद का एक छोटा सा दिया
तमाम आँधियों के बावजूद
कुछ तो है
कि ये नालायक हार नहीं मानता !!
टिमटिमाता है , डगमगाता है
मगर बुझता नहीं .
अँधेरी आँधियों के पार
जब सवेरा दस्तक देगा ;
तब तक
ये छोटा सा जिद्दी दिया
रौशनी भी देगा मुझे ...
और आंच भी .
- मीता .
1 टिप्पणी:
usmein zazbe kaa tel jo dalaa hai
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