आज फिर शुरू हुआ जीवन .
आज मैंने एक छोटी सी ,सरल सी कविता पढ़ी ,
आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा ,
आज एक छोटी सी बच्ची किलक मेरे कंधे चढ़ी .
आज मैंने आदि से अंत तक एक पूरा गान किया .
आज फिर जीवन शुरू हुआ .
रविवार, 26 फ़रवरी 2012
ये कौन चित्रकार है !!
हमारे वसंत के इस अंक में , इस मीठे गीत के साथ आइये महसूस करते हैं धरती के अनूठे सौंदर्य को -
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