मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

खोया क्या , पाया क्या !!!

Old_diary : Old antique vintage paper background


खोने और पाने का 
कोई तो नाता है .
ऐसा अकसर हो जाता है
जो भी शिद्दत से पाना चाहें ...
       खो जाता है !

साथ साथ चलते हैं दोनों
पूरी तरह न कभी कुछ खोया ;
न ही कुछ पाया .

पाते ही खो गया
जो भी पल हाथ आया .

लम्बे सफ़र में
खोया क्या ,पाया क्या
अब कहाँ इतना याद !

बस ये समझ आया ,
जो कुछ भी पाया
उसे पहचाना ...
मगर
खो जाने के बाद .

                  - मीता .





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