आज फिर शुरू हुआ जीवन .
आज मैंने एक छोटी सी ,सरल सी कविता पढ़ी ,
आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा ,
आज एक छोटी सी बच्ची किलक मेरे कंधे चढ़ी .
आज मैंने आदि से अंत तक एक पूरा गान किया .
आज फिर जीवन शुरू हुआ .
मंगलवार, 6 मार्च 2012
आज रंग है .
होली के त्यौहार के उपलक्ष्य में अमीर खुसरो जी का ये कलाम आबिदा परवीन जी की रूहानी आवाज़ में -
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