सोमवार, 16 अप्रैल 2012

हसरतें .



एक हसरत है कि  तूने मुझे चाहा होता ,    
दूसरी ये कि तेरा कुर्ब भी पाया होता .


ये जो हर रोज़ परिंदों से सुना करता हूँ 
प्यार का गीत मुझे तूने सुनाया होता .


जागता ही न कभी नींद से ऐ जान-ए-वफ़ा 
तू अगर ख्वाब में मेरे कभी आया होता .


मिल गया यूँ तो बड़ा नाम मुझे दुनिया में 
काश खो कर इसे मैंने तुझे पाया होता .


कोई सरहद , कोई दीवार न हाइल होती 
फासला हमने अगर मिल के मिटाया होता .


एक कदम मैंने बढाया था कि दो गाम है तू 
एक कदम मेरी तरफ तूने बढाया होता .


मैंने जिस तरह तुझे चाहा , तुझे प्यार किया 
काश तूने भी मुझे ऐसे ही चाहा होता .


मैं कमर हूँ तो मेरी चांदनी ' मह्नूर ' है तू 
काश इक बार ये बावर तुझे आया होता .


               - कमर जैदी . 

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