अजब है ये बात ....
ख्वाहिशे होती है गुथ्थम गुथ्था
एक दूसरे से जुडी,
एक पूरी होती है...
तो दूसरा सिरा सामने आ जाता है.
ख्वाहिशे होती है
हरदम अधूरी,
बताया ना
एक की उम्र बीते
दूसरी जनमती है.
ख्वाहिशे होती हैं,
इसीलिए आदम की जात है.
इसीलिए ज़ज्बात है.
इसीलिए कायनात है,
और गुलशन की फ़स्लात है.
राजलक्ष्मी शर्मा.
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