आज फिर शुरू हुआ जीवन .
आज मैंने एक छोटी सी ,सरल सी कविता पढ़ी ,
आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा ,
आज एक छोटी सी बच्ची किलक मेरे कंधे चढ़ी .
आज मैंने आदि से अंत तक एक पूरा गान किया .
आज फिर जीवन शुरू हुआ .
मंगलवार, 7 अगस्त 2012
कोई गाता मैं सो जाता .
सरगम में हम आप के लिए लाये हैं फिल्म 'आलाप 'का ये गीत , जिसे लिखा है 'श्री हरिवंश राय बच्चन जी ' ने, और अपनी मखमली आवाज़ में ढाला है 'येसुदास' ने . प्रस्तुत है 'कोई गाता मैं सो जाता '.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें