टटोली जाने वाली रसोई में
अक्सर भूख में ..
खाली पड़े सारे बर्तन
कुछ झुंझलाहट देते है .
लगा कल रात सभी
को बड़ी भूख थी ,
खाली बर्तनों की चमक
खाली बर्तनों की चमक
बाहर झांक रही थी ...
मगर गली में
मगर गली में
कुत्तो ने बड़े मजे से
जी भर के .. और
भर पेट
खूब दावत उड़ाई ....
गरीब की झोपड़ी
पास में बसी
मुंह में लार सुड़क
कर रह गयी ........
भूख, लेकिन फिर भी
एक तलाश .......
- नीलम .
जी भर के .. और
भर पेट
खूब दावत उड़ाई ....
गरीब की झोपड़ी
पास में बसी
मुंह में लार सुड़क
कर रह गयी ........
भूख, लेकिन फिर भी
एक तलाश .......
- नीलम .
2 टिप्पणियां:
Shukriya Madam Mohan ji.. Bilkul aapke blog par aayenge.
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