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आज फिर शुरू हुआ जीवन . आज मैंने एक छोटी सी ,सरल सी कविता पढ़ी , आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा , आज एक छोटी सी बच्ची किलक मेरे कंधे चढ़ी . आज मैंने आदि से अंत तक एक पूरा गान किया . आज फिर जीवन शुरू हुआ .
शुक्रवार, 10 मई 2013
माँ की याद
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