सोमवार, 31 अक्तूबर 2011

यादों की परछाइयाँ . . .


                        एक मुद्दत से तेरी याद भी न आई हमें ,
                       और हम भूल गए हों तुझे , ऐसा भी नहीं ...

यादें हमारी ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा होती हैं .अच्छी , बुरी जैसी भी हैं ,हम इन से भाग नहीं सकते.ये परछाईयों की तरह हमेशा साथ रहती हैं . मजाल है कि कभी अकेला छोड़ दें .
                आज हम बात करने जा रहे हैं इन्ही यादों की परछाइयों की . कृपया हमें अपने बहुमूल्य विचारों से अवश्य अवगत करायें . धन्यवाद .
               
                                        मीता .
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बयाज़े - दिल में भले ही कोई तलातुम हो ...



जेहन के साथ कशमकश है,  कुछ तो बता
नीम-रवां ज़िन्दगी में कुछ तो दिखा
यहाँ कागज़ पे कलम की ठक-ठक
हर्फ़ किस और गए? उनका पता?

बाहर आने को बेचैन हैं इस तरहा
रगड़ कंधे ख़यालों के खाने लगे
बंद सबने किये हुए हैं अपने दरवाजे
वक़्त किसपे है उनसे बात करे?

इस मोड़ पे आके है बड़ी तंग नज़र
कोई दिखती नहीं परछाई-ए-ख़याल यहाँ

बयाज़े-दिल में भले ही कोई तलातुम हो..
                               
                                     ......पुष्पेन्द्र वीर साहिल .



नीम-रवां - चलती-रुकती 
हर्फ़ - अक्षर
बयाज़े-दिल - दिल की यादों की कॉपी 
तलातुम - आवेग, तूफ़ान 

                       


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वक़्त के वो कतरे .



वक़्त के वो कतरे
जो यादों के जंगल में छूटे था
आज भी साये की तरह मंडराते है
मुझे तेरी याद दिलाते है ...

याद है वो नारंगी सी शाम
जब सूरज झील की सीढिया उतर रहा था
कुछ करुण सा भाव भर रहा था
वो आँखों में गीलापन औ' निशब्द से पल
आज बहुत कुछ जताते हैं
.... मुझे तेरी याद दिलाते है

आज भी सूरज मध्धम हो कर देख रहा
शायद उन्ही पलों को संजो रहा
तुम नहीं हो इस शाम यहाँ
आँखों में वही नमी बिछड़े हुये वही कुछ पल
मेरे घर का रास्ता दिखाते है
.........मुझे तेरी याद दिलाते हैं...

तेरा साथ मिलना समय को रास नहीं था
उसके फैसले से तू भी उदास नहीं था
जो थोड़े पल मैंने काट कूट के बचाए थे
वही पल अब मुझे जीना सिखाते है
.......मुझे तेरी याद दिलाते है .

            ......रश्मि प्रिया .

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                               Now...   

There was born this enchanted moment
When the rainbow showered colours
Your eyelids danced with the sun
And magic fell in raindrops
As you tilted the umbrella
Harvested the wetness of our bodies
To marinate it with our fragrance
Swirled it in a jar
Full of molten passion
And created the perfect reminiscence
Of this is was am and will
Into the bottled ‘now’
The only perfume i wear
That stays on me forever.
                                                                          ........Sadhana .

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याद की परछाइयाँ .


एक तलातुम पी गया है वो मेरी रानाइयाँ,
आ गई फिर से वो' ज़ालिम याद की परछाइयाँ

ना रहा वो मैकदा ना रही वो महफिलें,
रह गई दिल के नगर में नाचती तन्हाइयाँ।

हम वफा के रास्तों पर हो रहे थे गामजन,
औ'र वो' आँखो से हमारी ले गया बेनाइयाँ।

सोज़ का तूफान है मेरे जिगर के सामने,
औ'र समन्दर दर्द का लेने लगा अंगड़ाइयाँ।

इक पिघलते काँच की मानिन्द तड़पाने लगी,
ये भली लगती नहीं हैं अब मुझे शहनाइयाँ।

घाव जो भरने लगे थे फिर हरे होने लगे,
हाय फिर से चल रही हैं बाग़ में पुरवाइयाँ.
                                     
                                             ......इमरान.

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वो साया बीती बातों का .







बहुत चाहोगे तब भी
कुछ कभी भी
रोक पाओगे नहीं .

यही दस्तूर है दुनिया का .
ना तो ग़म ,
ना खुशियों का कोई लम्हा
कभी रुकता है .
बह जाता है हाथों से ,
हथेली में लिया पानी हो जैसे ,
या हवा हो !!

हाँ कुछ छोड़ जाता है -
कोई हमशक्ल साया सा ,
कहीं जो रूह में एक घर बना कर रहने लगता है .
कभी कुछ खुद से बोलो तो
वो पेशानी पे बल डाले
सभी कुछ सुनता रहता है ;
कभी चुप चाप बैठो तो
बहुत कुछ कहने लगता है !

मगर जैसा भी है
वो साया मेरे साथ चलता है ,
उन राहों में
जहाँ पर दूर तक कोई नहीं दिखता .

वो कोई दोस्त लगता है पुराना
मानो बचपन का .
वो साया गुज़रे लम्हों का .
वो साया बीती बातों का .

                                 
                                 ............मीता .
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14 टिप्‍पणियां:

leena alag ने कहा…

soooo enchanting meeta..."yaadein" universal appeal...luv the introductory couplet,"ek muddat se teri yaad bhi na aayi humein..aur hum bhool gaye hon tujhay aisa bhi nahin"...despite difference in diction n style there is a common thread in the writings...no matter v put memories behind us or choose to live wid thm but thy invariably catch up wid us..."band sabnay kiye huay hain apnay darwaazay,waqt kis pe hai unsay baat karay"..."jo thoday pal mainay kaat koot ke bachaaye the,wahi pal ab mujhay jeena sikhatay hain"..."NOW,the only perfume i wear that stays on me forever" ♥...."aa gayi phir se woh zaalim yaad ki parchaayeein"..."woh saaya mere saath chalta hai unn raahon mein jahan door tak koi nahin dikhta"...all i can say is tht iss blog ki "yaadein" bhi hamaray saath "doooooor" n "der tak chalayngi...standing ovation to each of u!....:)...kudos!!!

meeta ने कहा…

Thanks a lot Leena for reading us so thoroughly.your comment fills us all with a fresh zeal. Hope you will keep reading us and giving us your valuable feedback .
- CHIRANTAN .

Na ने कहा…

Leena ji, the genuine way in which you have encouraged each one of us is appreciated so much.Hope we can create a world where words flow like music and dance in the air :)

Vinay ने कहा…

रश्मि जी, साधना जी, मीता जी , इमरान भाई और पुष्पेन्द्र जी .. निचे कुछ छोटे शब्द आप की रचनाओ को मेरी तरफ से समर्पित ......

"अति सुन्दरता से आप ने इनको पिरोया है
की गुलदस्ता बना के आप सब ने संजोया है"

कह दु की शाम में घुलती मोम सी है तेरी बाते
हर बात में अज़ब सी मासूमियत है तेरी बाते
कब में भी पिघल गया इस में पता ही न चला
की तिलस्म है कायनात है तेरी सारी बाते ..
बूंद बूंद सहेज के बंद किया है तुने सब
दिल में समंदर सी घुल गयी है तेरी बाते
सकूँ है सोच है सेहर है सार है जिंदगानी का
तराना है मुहबतों का यह तेरी सारी बाते ......

विनय ..१/११/२०११ ..

Vinay ने कहा…

नीचे*
(नीचे ) पड़े गलती सुधार... :)

leena alag ने कहा…

@meeta...dont know bout the comments meeta but trust me ur work is stupendously precious!
@Na...i feel blessed to have met meeta n been able to b a part of this wonderful effort...ur hope is my confidence...i am most positive that u hav already embarked on a journey where there's no looking bak..all roads lead forwards by the grace of The Almighty...:)

Pushpendra Vir Sahil पुष्पेन्द्र वीर साहिल ने कहा…

Thanks Leena ji and Sameer ji.... your appreciation means a lot for us!!

ManSee ने कहा…

Memories leave us with nostalgia and sweet pain....!Sometimes haunting too....All the poems carry the feel of the gone moments.Thanks all of u !

meeta ने कहा…

@Leena a reader like you is extremely precious to every writer.Thanks.
@Sameer ji thanks for your beautiful encouragement.
@Manasi ji , thanks a lot for your lovely appreciation . Hope you will keep reading us and giving us your valuable feedback .

कल्पना पंत ने कहा…

sundar!

meeta ने कहा…

Thanks a lot for your appreciation Kalpana ji .

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगीं ... रचनाकारों को शुभकामनायें ..


कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

meeta ने कहा…

संगीता जी,आप की शुभ कामनाओं के लिए हम आप के ह्रदय से आभारी हैं.आशा करते हैं आप से आगे भी प्रोत्साहन मिलता रहेगा.धन्यवाद.
- चिरंतन.

meeta ने कहा…

संगीता जी आपको हुई असुविधा के लिए हम दिल से क्षमाप्रार्थी हैं .पता नहीं क्यों वर्ड वेरिफिकेशन हटाने का कोई आप्शन settings में मिल नहीं पा रहा है.उम्मीद है आप हमें थोडा समय देंगी . आपका बहुत धन्यवाद.
- चिरंतन.

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