शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

असीमित आसमान .



असीमित आसमान
और हौसले की उड़ान
बिखेर सकूँ
हर ओर सवेरा
खुशियाँ और मुस्कान


छोटी सी चिड़िया है ,
छोटे से बच्चे .
छोटे से पंख ...
छोटे अरमान .



ईश्वर सबको देता है
उड़ने का माद्दा ,
बस मन में
जो ले ये ठान .
उड़ने को आगे है
खुला आसमान .


मुश्किलें है थोड़ी ,
हल नहीं आसान .
इरादों में भरनी है
थोड़ी सी जान .


छोटे से पंखों में
भर के तूफ़ान ...
उडनी है उनको
ऊंची उड़ान .
उन्हें जीतना है
सारा जहान ;
और असीमित आसमान !! 


                        राजलक्ष्मी शर्मा. 





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