ये वादा करो खुद से ,
अपनी आवाज़ की चिंगारी
तुम बुझने नहीं दोगे ...
ये छोटी सी चिंगारी
बड़े से ख्वाब बुनती है !
लगभग रोज़ लडती है ...
और खुद को बचाती है
बमुश्किल राख़ बनने से .
अभी वो आंच है इस में ...
अंधेरों को बुझा देगी ,
मशालों को जला देगी ...
ज़रा तुम साथ दो इसका
तो सदियों से जमी
रातों की बुनियादें हिला देगी .
तुम्हारे हाथ में है
इस को सुलगाना ...
हवा देना .
या फिर इस को भी
मुर्दा राख के नीचे दबा देना ,
बुझा देना .
मगर
ये भूलना मत
एक चिंगारी वो जरिया है ...
जिस से घुप्प गहरी रात
के काले अंधेरों में
उजाला बोया जाता है ...
सुबह की धूप आने तक
सिहरती , कंपकंपाती ,
सर्दियों को ढोया जाता है .
ये ही आवाज़
तुम को
मुद्दतों तक याद रक्खेगी
कभी जब तुम नहीं होगे .
तो ...ये वादा करो खुद से
अपनी आवाज़ की चिंगारी
तुम बुझने नहीं दोगे .
- मीता .
चिरंतन - 'आवाजें / Unsaid voices.'
अपनी आवाज़ की चिंगारी
तुम बुझने नहीं दोगे ...
ये छोटी सी चिंगारी
बड़े से ख्वाब बुनती है !
लगभग रोज़ लडती है ...
और खुद को बचाती है
बमुश्किल राख़ बनने से .
अभी वो आंच है इस में ...
अंधेरों को बुझा देगी ,
मशालों को जला देगी ...
ज़रा तुम साथ दो इसका
तो सदियों से जमी
रातों की बुनियादें हिला देगी .
तुम्हारे हाथ में है
इस को सुलगाना ...
हवा देना .
या फिर इस को भी
मुर्दा राख के नीचे दबा देना ,
बुझा देना .
मगर
ये भूलना मत
एक चिंगारी वो जरिया है ...
जिस से घुप्प गहरी रात
के काले अंधेरों में
उजाला बोया जाता है ...
सुबह की धूप आने तक
सिहरती , कंपकंपाती ,
सर्दियों को ढोया जाता है .
ये ही आवाज़
तुम को
मुद्दतों तक याद रक्खेगी
कभी जब तुम नहीं होगे .
तो ...ये वादा करो खुद से
अपनी आवाज़ की चिंगारी
तुम बुझने नहीं दोगे .
- मीता .
चिरंतन - 'आवाजें / Unsaid voices.'
1 टिप्पणी:
aisee himmat honsle dene waale saath ho to chingaaree kabhee bujh nahee saktee
sashakt rachnaa
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