मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

खोया...पाया..


Sunbeams : beautiful red tulip in sunbeams against cloudy sky                               समय की कसौटी पर खुद को आजमाया 
अब क्या हिसाब करूँ ये खोया वो पाया

उम्र के इस पड़ाव पर आज यही विचार आया
'वही'संजोता सब कुछ जिसने ये जहाँ बनाया
.............क्या हिसाब करूँ ये खोया वो पाया

हाँ कुछ पल कठिन थे ,कुछ देर से गुजरे
निशानियाँ बची है जब 'उसने ' आजमाया
.............क्या हिसाब
करूँ ये खोया वो पाया


गर आँचल के कोर में बंधे खुशियों के पल
वैसा ही लिया जीवन जैसा 'उसने' थमाया
...........क्या हिसाब करूँ ये खोया वो पाया

बहुत ही ईमानदारी से 'वो' करता है हिसाब
जो दिया जिंदगी को बिलकुल वही लौटाया
.......अब क्या हिसाब करूँ ये खोया वो पाया


                            राजलक्ष्मी शर्मा. 



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