सोमवार, 19 मार्च 2012

मैं हूँ .

Loss Paintings - Never Far Away From Me - Heaven Series by Tracy Evansउड़ा के खाक को जैसे कहे हवा, मैं हूँ                     
बस एक शेर सुना कर कहूं मैं क्या, मैं हूँ?

हज़ार बार कहा ग़म ने कुछ नहीं है तू
हज़ार बार मेरे सब्र ने कहा, मैं हूँ.

हुआ सवाल की सबसे हसीं है कौन यहाँ
तो ऐतमाद से बोले वो बेवफा, मैं हूँ.

बयां में तंजो-तमस्खुर का इम्तेज़ाज भी था
सो यूँ लगा कि यहाँ सबसे कुज अदा मैं हूँ.

मैं कुछ नहीं था मगर फिर भी खुदपसंदी में
गुमां मुझे भी येही उम्र भर रहा, मैं हूँ.

सदा जो मुझ पे रही माइल-ए-जफा किस्मत
जो अपने आप से अक्सर रहा खफा, मैं हूँ.

ज़माना पूछ रहा है कि माह-नूर है कौन,
वो मेरी जान ए वफ़ा, उसका हम नवा मैं हूँ .

अना का लफ्ज़ खुदा के लिए ही ज़ेबा है 
बजा है सिर्फ उसी को , कहे खुदा , मैं हूँ . 

कमर खुदा के इलावा नहीं कोई ऐसा
जो अपने आप को सबसे कहे सिवा, मैं हूँ .

              - कमर जैदी .

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