खुदा मुआफ करे ज़िन्दगी बनाते हैं
मेरे गुनाह मुझे आदमी बनाते हैं .
हवस है सारे जहानों पे हुक्मरानी की
वो सिर्फ चाँद नहीं , रात भी बनाते हैं .
तबाह कर तो दूं ज़ाहिरपरस्त दुनिया को
ये आइने भी मेरे लोग ही बनाते हैं .
मैं शुक्रिया अदा करता हूँ सब रकीबों का
मैं शुक्रिया अदा करता हूँ सब रकीबों का
यही अँधेरे मुझे रौशनी बनाते हैं .
मैं आसमान बनाता हूँ मेरी बात करो
मैं आसमान बनाता हूँ मेरी बात करो
यहाँ तो चाँद सितारे सभी बनाते हैं .
- नोमान शौक .
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