सोमवार, 28 मई 2012

हो गयी शुरुआत......



हो गयी शुरुआत, हो गयी शुरुआत
हम सफर पे चले, डाल हाथों में हाथ।
पैरों में है आसमां, हाथों में है कायनात
हो गयी शुरुआत, हो गयी शुरुआत

महकी महकी है वो, कोई परी है वो, आँखो की है रोशनी।
मीठी है वो गुड सी, शीरीं है शहद सी, चीनी की है चाशनी।
लज्ज़तें हैं मेरी अब मेरे साथ साथ।
ढल गये सारे ग़म, ढल गई काली रात।
हो गयी शुरुआत.......


पास जो वो आये, आके मुस्कुराये, तो ये सफीने चलें।
दूर जो वो जाये, कश्ती डगमगाये, धड़कनें भी ये रुकें।
भरता नहीं दिल मेरा कितनी करूं चाहे बात।
क्या यही प्यार है खुद से करूँ सवालात।
हो गयी शुरुआत.......

होश नहीं रहता, चैन नहीं मिलता, बेताबियाँ हैं जवां।
छाया नशा कैसा, हाल हुआ ऐसा, कर नहीं पाऊँ बयाँ।
बेखुदी छा गई कैसी हैं मुश्किलात।
जागूँ मैं करवटें लेता रहूँ सारी रात
हो गयी शुरुआत.......

इमरान.

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