सोमवार, 9 जुलाई 2012

सूरत भोली बचपन में



सूरत भोली बचपन में,
मीठी बोली बचपन में.
छूना तितली बचपन में,
आँख-मिचोली बचपन में,
मज़े की टोली बचपन में,
हंसी ठिठोली बचपन में.


सूरत भोली बचपन में
मीठी बोली बचपन में.


पीपल चश्मा लट्टू फिरकी,
कंचे बालू कागज़ किश्ती,
हर-दम करते धक्का-मुक्की,
रहती थी बस मस्ती मस्ती
डंडा डोली बचपन में,
रुत अलबेली बचपन में,


सूरत भोली बचपन में
मीठी बोली बचपन में.


बाग़ बगीचे आम के निचे,
माली भागे पीछे पीछे,
कंकर धेले चप्पल जूते,
ऊपर फेंके जामुन नीचे,
सखा सहेली बचपन में,
थे हमजोली बचपन में.


सूरत भोली बचपन में,
मीठी बोली बचपन में.


चाट समोसे चूरन गुल्ले,
हरदम खाते फिर भी फूले,
खुदी पकायें हांड़ी चावल,
खुदी बनायें छोटे चूल्हे,
मीठी गोली बचपन में,
भरी थी झोली बचपन में,


सूरत भोली बचपन में,
मीठी बोली बचपन में.


          - इमरान खान 'ताईर'.

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