सोमवार, 9 जुलाई 2012

तारे .




मन में मेरे 
रहता है
एक छोटा बच्चा।
कहता है -
"तारे तोडूंगा !"


कितनी बार इसे समझाया
दूर बहुत हैं चाँद सितारे .
उन तक कौन पहुँच पाया है !!
तू पहुंचेगा ?!


मेरी बात समझता है .
थोड़ी देर संभल जाता है .
पल भर मेरी आँख लगी तो 
बस...
कहीं दूर निकल जाता है।


कभी मांगता इन्द्र धनुष है,
कभी धूप, 
कभी तितलियाँ !
और फूल जो दिख जाएँ 
तो कहता है -
"सारे तोडूंगा !"


मन में मेरे 
रहता है
एक छोटा बच्चा।
कहता है -
"तारे तोडूंगा !"


             - मीता .

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