मंगलवार, 4 सितंबर 2012

इस मोड़ से जाते हैं ...

रास्ते ... कुछ जाने हुए से और कुछ अनजाने ... कहाँ लिए जा रहे हैं ...पता नहीं . रास्तों की भी एक चाल होती है ... ये चलनेवाले के क़दम जानते हैं . प्रस्तुत है सरगम में गुलज़ार साब का लिखा , आर . डी . बर्मन जी के संगीत से सजा , लता जी और किशोर कुमार जी की आवाज़ में ये बहुत सुना सुनाया और उतना ही नया लगता सा गीत - ' इस मोड़ से जाते हैं '.


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