मंगलवार, 4 सितंबर 2012

सब ठीक है

हमारे मेहमान में प्रस्तुत है संगीता गुप्ता जी की ये कविता . संगीता जी के कई काव्य संग्रह ' अंतस से ', ' इस पार उस पार ', ' समुद्र से लौटती नदी ', '   प्रतिनाद ' और एक उपन्यास ' नागफनी के जंगल ' छप  चुके हैं . वे एक प्रतिभावान चित्रकार भी हैं और देश विदेश में एकल चित्र प्रदर्शनियां दे चुकी हैं .
सम्प्रति - आयकर आयुक्त , भारत सरकार , नयी दिल्ली .

अलग अलग पगडंडियों पर 
चलते हुए भी 
पहुंचना तो एक ही जगह है 
हमसफ़र , हमक़दम , हमराज़ 
नहीं न सही 
अब फर्क भी कहाँ पड़ता 
सब ठीक है 
ऐसा ही होना था 
शिकायत करने की इच्छा भी 
कहाँ बची 
जीवन से .

 - संगीता गुप्ता .

1 टिप्पणी:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरती से लिखे एहसास

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