सोमवार, 14 जनवरी 2013

तुम्हें सोचना .

तुम्हें सोचना
है 
तुम्हारी आँखों को समंदर सोचना 
और गहरे डूब जाना .

तुम्हें सोचना 
है 
जुगनुओं , तितलियों , गुलाबी फूलों की क्यारियाँ सोचना 
और बौराना .

तुम्हें सोचना
है 
भीगे गुलाबी होठों को छूने की पुरजोर बैचैनी 
बमुश्किल रोक पाना .

तुम्हें सोचना 
है 
तुम्हें याद रखना 
खुद को भूल जाना .

- प्रलभ .

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