रविवार, 12 मई 2013

ज्योति कलश छलके .



घास पे खेलता एक बच्चा,
पास माँ मुस्कुराती है,
मुझको हैरत है क्यों दुनिया,
काबा और सोमनाथ जाती है .

- निदा फाज़ली .


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