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शब्दों के ताने बाने
सूरज की किरने समेटे
लुटाएं रौशनी के खजाने
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शब्दों के ताने बाने
रचनात्मकता के आवरण
जीवन के कुछ किस्से पुराने
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शब्दों के ताने बाने
दबे ढके शब्दों में मन की बात
नज़्म या कविता के बहाने
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शब्दों के ताने बाने
कुछ कल्पित ,कुछ सच्चे
किस्से सबको सुनाने
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शब्दों के ताने बाने
थका आतप मन
पर उम्मीदों पर निशाने
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शब्दों के ताने बाने
बुनते सजाते लोग
शब्दों में ढूंढे जीने के बहाने
राजलक्ष्मी शर्मा.
1 टिप्पणी:
छोटी छोटी रौशनी की किरणों की तरह जगमगाते भाव.खूबसूरत क्षणिकाएं.
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